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क़त्ल की कोशिश (लघुकथा) - समीक्षा

क़त्ल की कोशिश 

(लघुकथा)


“जुर्म छुपाये नहीं छुपता”

माला सिन्हा, सिने जगत की उभरती हुई अदाकारा, जिसे आज इंस्पेक्टर प्रभुदयाल पागल करार दे रहा था। सिर्फ प्रभुदयाल ही नहीं, पूरी दुनिया उसे पागल करार दे रही थी। इसके पीछे कारण यह था की उसने तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन मरते-मरते बची। पहले जहर खा कर, फिर अपनी हाथों की नशें काटकर, फिर ७ वीं मंजिल से कूदने की कोशिश करके। ७ वीं मंजिल से कूदने से माला सिन्हा को सुनील ने बचाया।

माला सिन्हा का कहना था कि कोई उसे मारने की कोशिश कर रहा है। पुलिस ने माला सिन्हा को आत्महत्या के आरोप में गिरफ्तार कर, मानसिक इलाज़ के लिए अस्पताल भेज दिया। लेकिन उससे पहले माला सिन्हा सुनील को अपने घर की चाबी देकर, अपनी लिखी डायरी पढने की सलाह देती है ताकि वह पुलिस को विश्वास दिला सके की वह बेगुनाह है।

तो दोस्तों, क्या लगता है सुनील भाई मुल्तानी, यह खोज कर निकाल पायेगा की माला सिन्हा आत्महत्या नहीं कर रही बल्कि उसकी हत्या की कोशिशें की जा रही है। क्यूँ, क्यूँ की जा रही है ऐसी कोशिशें। माला सिन्हा के क़त्ल के पीछे, क्या उद्येश्य है? क्या सुनील अपने जादुई दिमाग से ऐसा कोई नुक्ता खोज निकालेगा जिससे कहानी के सभी रहस्य अपने आप खुलते जाएँ।

दोस्तों, “क़त्ल की कोशिश” कुछ १५-२० पन्नों में सिमटी, पाठक साहब द्वारा लिखी गयी एक लघु-कथा है। जिसका संक्षिप्त विवरण उपरोक्त अनुच्छेद में दिया गया। दोस्तों, कहानी के इतना भाग पढ़ते ही हम चौंक जाते हैं की यह तो एक मर्डर-मिस्ट्री है। एक ऐसी मर्डर-मिस्ट्री या ऐसी कहानी जिसमे कहानी का एक किरदार आत्महत्या करने की कोशिश करता हुआ पाया जाता है लेकिन दावा करती है उसकी हत्या की कोशिश की जा रही है।

एक बेहद सधी हुई, मकड़ी के जाले में बखूबी पिरोई हुई, सुनील भाई मुल्तानी के तहकीकात के ख़ास अंदाज में, आपको आसानी से चौंका देने वाली कहानी के रचयिता श्री सुरेन्द्र मोहन पाठक जी हैं। यह कहानी ये प्रदर्शित करता है की सर सुरेन्द्र मोहन पाठक सिर्फ कहानी नहीं लिखते बल्कि ऐसी कहानी लिखते हैं जो अपने पाठक वर्ग को अपने साथ बखूबी बाँध कर रखते हैं।

ऐसे लेखक के लिए अनायास ही मुंह से निकल जाता है – “क्या शानदार लिखा है, तुलना करना असंभव है।” 


कहानी का इबुक लिंक- http://ebooks.newshunt.com/Ebooks/default/Katl-Ki-Koshish/b-43254

सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के कहानियों का संग्रह इबुक के रूप में प्रकाशित हो चूका है। आप उसका भी आनंद उठा सकते हैं।

संपूर्ण कथा साहित्य लिंक वॉल्यूम १ -http://ebooks.newshunt.com/Ebooks/default/Sampurn-Katha-Sahitya---Vol-1/b-42653
संपूर्ण कथा साहित्य लिंक वॉल्यूम २ -http://ebooks.newshunt.com/Ebooks/default/Sampoorn-Katha-Sahitay---Vol-2/b-43227

नोट:- लघुकथा का छायाचित्र राजीव रोशन जी द्वारा बनाया गया है जिसका किसी भी प्रकार व्यावसायिक प्रयोग प्रतिबंधित है| छायाचित्र के लिए चित्रों का प्रयोग गूगल इमेज सर्च द्वारा लिया गया है|

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