सात ख़त (लघुकथा)
"सात ख़त" एक लघु कथा के रूप में लेकिन थोडा बड़े कैनवास पर पाठक साहब ने लिखा है।
मैं इसे प्रेमकथा, रहस्यकथा, रोमांच-कथा में से क्या कहूँ। क्यूंकि इसमें तीनों ही प्रकार का समावेश है।
सूर्यबहादुर थापा एक हसीना को दिल बैठता है। लेकिन उसे हसीना की कोई जानकारी ही नहीं। इसका हल वह अखबार में एक विज्ञापन निकाल कर करता है। विज्ञापन का जवाब आता है। जिसमे लड़की उसके सामने यह शर्त रखती है की थापा के पास सात दिन उसे प्रसन्न करने के लिए।
वह थापा के सामने यह शर्त रखती है की अगर वह अगले सात दिनों में सात खतों द्वारा, ऐसा कोई रहस्य और रोमांच से भरपूर कथा सुना दे जो उसे इम्प्रेस कर दे।
सोचिये दोस्तों, ऐसा भी शर्त रख देते हैं लोग मोहब्बत में!
खैर छोडिये! आप तो बस ये जानिये की क्या थापा ने ऐसा कोई पत्र लिखा।
हाँ, दोस्तों उसने पुरे सात पत्र लिखे। तो क्या उस लड़की को उन पत्रों में लिखी कहानी पसंद आई। ऐसा क्या लिखा था सूर्यबहादुर थापा ने।
उन खतों कि गहराई में नहीं जाऊँगा लेकिन अपने अनुभव से कहना चाहूँगा की - थापा की कहानी ने प्रेमकथा के ऊपर रहस्य कथा का एक आवरण ओढा दिया था। पहले पत्र से अंतिम पत्र तक आपकी साँसे जरूर धीमी रफ़्तार से चलेगी चाहे आप कितनी भी शीघ्रता दिखाएँ।
पाठक साहब की लघु कथाओं में लगता है की अन्तराष्ट्रीय लेखक पाठक साहब के सामने कुछ भी नहीं हैं।
एक अति-अविस्मरनीय कहानी के रचयिता को मेरा सादर प्रणाम।
कहानी का इबुक लिंक- http://ebooks.newshunt.com/Ebooks/default/Sat-Khat/b-42836
सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के कहानियों का संग्रह इबुक के रूप में प्रकाशित हो चूका है। आप उसका भी आनंद उठा सकते हैं।
संपूर्ण कथा साहित्य लिंक वॉल्यूम १ -http://ebooks.newshunt.com/Ebooks/default/Sampurn-Katha-Sahitya---Vol-1/b-42653
संपूर्ण कथा साहित्य लिंक वॉल्यूम २ -http://ebooks.newshunt.com/Ebooks/default/Sampoorn-Katha-Sahitay---Vol-2/b-43227
नोट:- लघुकथा का छायाचित्र राजीव रोशन जी द्वारा बनाया गया है जिसका किसी भी प्रकार व्यावसायिक प्रयोग प्रतिबंधित है| छायाचित्र के लिए चित्रों का प्रयोग गूगल इमेज सर्च द्वारा लिया गया है|
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