Skip to main content

Posts

Showing posts from August, 2015

धोखा (The Deception) - Best Thrillers By Surender Mohan Pathak

धोखा - The Deception (उपन्यास समीक्षा) (स्पॉयलर अलर्ट) “ धोखा देना और धोखा खाना इंसानी फितरत है , जो इस लानत से आजाद है वो जरूर जंगल में रहता है। ” -उपन्यास “धोखा” “अपनी सोच का दायरा बढ़ाइए।” उपरोक्त फिकरा जो आपने पढ़ा है वह हैरी पॉटर फिल्म के उस किरदार द्वारा बार-बार बोला जाता है जो होग्वार्ट्स स्कूल में भविष्य पढना सिखाती थी। यह फिकरा अपने आप में बहुत बड़ी बात है जो हर इंसान को सीखनी चाहिए। मैंने एक बार एक जादू का खेल देखने गया था जिसमे जादूगर एक इंसान को मेज पर लेटाता है और उसके ऊपर से एक चादर डाल देता है। सभी दर्शकों की निगाहें उस मेज पर चादर के नीचे लेटे इंसान पर टिकी रहती है। जादूगर चादर पर अपनी छड़ी घुमाता है और चादर को झटके से हटा देता है। सभी दर्शकों की आँखें आश्चर्य के मारे फटी की फटी रह जाती है क्यूंकि वह इंसान जो मेज पर लेटा  हुआ था वह गायब था। दर्शकों के मस्तिष्क में क्षण भर के लिए यह प्रश्न आता है की जादूगर ने यह कैसे किया। लेकिन जैसे ही जादूगर उस इंसान को फिर से उनके आँखों के सामने ला खड़ा कर देता है – “कैसे किया?” जैसा प्रश्न काफूर हो जाता है। ऐसे

क्राइम फिक्शन और उसकी शाखाएं

क्राइम फिक्शन और उसकी शाखाएं सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी ने ३०० के करीब पुस्तकों के रचना की है जिनमे से अधिकतर क्राइम फिक्शन जेनर से सम्बंधित हैं। क्राइम फिक्शन जेनर एक बहुत ही वृहद् शब्द है जिसकी कई शाखाएं हैं। आपने कभी सोचा है कि फलां नावेल कौन सी शाखा का है। शायद नहीं सोचा होगा क्यूँकि हम सिर्फ दो ही केटेगरी को जानते हैं और वो है थ्रिलर और मर्डर मिस्ट्री। लेकिन अमूमन हम इन दो केटेगरी को भुला कर सिर्फ सीरीज बेस्ड केटेगरी को ही मानते हैं। आज आपको मैं क्राइम फिक्शन की अलग-अलग शाखाओं से परिचय कराता हूँ। ये शाखाएं कहानी पढने के साथ –साथ कहानी लिखने में भी आपकी सहायता करेंगे। पाठक सर के कई उपन्यासों इन्ही शाखाओं को मिला-जुला कर तैयार किया गया जाम होती हैं जिसको हम पन्ने-दर-पन्ने पलट-पलट कर पढ़ते हुए चटखारे लेकर ही मजा लेते हैं। कोज़ी क्राइम ( Cosy Crime) – क्राइम फिक्शन जेनर की यह शाखा बहुत ही प्रसिद्द है। अमूमन एक छोटे से शहर में इसकी कहानी को प्लाट किया जाता है जहाँ एक हत्या के केस को हल करने के लिए पुलिस या प्राइवेट डिटेक्टिव काम करते हुए नज़र आते हैं। इसमें जुर्म का कोई

मीना मर्डर केस - A Locked Room Murder Mystery

मीना मर्डर केस – सुनील सीरीज  ( A Locked Room Murder Mystery) *SPOILER ALERT* “मीना कपूर अपने फ्लैट में गोली लगई हुई मृत अवस्था में पायी जाती है। जिस कमरे में वह मृत अवस्था में पायी जाती है उस कमरे की सभी खिड़कियाँ अन्दर से बंद थी। उस फ्लैट में घुसने का सिर्फ एक ही दरवाजा था जिसे ५-६ लोगों की उपस्थिति में तब खोला गया जब वह बाहर से बंद थी और अन्दर घुसते ही सबने उसके लाश के दर्शन किये थे जबकि उस दरवाजे की चाबी उपेक्षित सी टेबल पर पड़ी थी। घातक हथियार मौकाए-वारदात से गायब थी इसलिए इसे साफ़-साफ़ हत्या का केश माना गया। मीना कपूर के पति वीरेंदर कपूर को हत्या के इलज़ाम में गिरफ्तार किया गया क्यूंकि उसके पास ही उस कमरे की एक अतिरिक्त चाबी थी और उसे ही उस कमरे में घुसने और मीना कपूर को शूट करके चले जाने की सहूलियत प्राप्त थी। लेकिन वीरेंदर कपूर का अंत तक कहना था कि उसने पत्नी कि हत्या नहीं की थी।” क्राइम फिक्शन की विधा में डिटेक्टिव फिक्शन की सबसे प्रचलित और प्रसिद्द शाखा “लॉक्ड रूम मर्डर मिस्ट्री” है। “मीना मर्डर केस” भी एक ऐसी ही लॉक्ड रूम मर्डर मिस्ट्री है। लेकिन इसे तभी ल

मकड़जाल और ग्रैंडमास्टर – The Magic created by Sir Surender Mohan Pathak

मकड़जाल और ग्रैंडमास्टर – The Magic created by Sir Surender Mohan Pathak *Spoiler Alert* “क्या आप गौर से देख रहे हैं, हर जादू के खेल में तीन भाग होते हैं या एक्ट्स। पहला भाग होता है “द प्लेज”। जादूगर आपको आम चीज दिखाता है – एक ताश की गड्डी, एक चिड़िया या एक आदमी। वो आपको ये चीज दिखाता है, शायद वह आपसे इसकी जांच करने को कहे यह देखने के लिए की यह सचमुच असली है कि कहीं कोई छेड़छाड़ तो नहीं पर बेशक शायद ऐसा नहीं है। दूसरा एक्ट कहलाता है “द टर्न” – जादूगर कुछ आर्डिनरी सा लेता है और उससे कुछ एक्स्ट्रा-आर्डिनरी सा करवाता है, जैसे कि गायब कर देना। अब आप राज की तलाश में हैं लेकिन वह आपको मिलेगा नहीं क्यूंकि बेशक आप असल में खोज नहीं रहे हैं, आप असल में जानना नहीं चाहते, आप चाहते हैं कि बुद्धू बने। पर अभी तक आप ताली नहीं बजायेंगे क्यूंकि किसी चीज को गायब करना ही काफी नहीं है आपको इसे वापिस लाना होता है। इसलिए हर मैजिक ट्रिक में एक तीसरा एक्ट होता है, सबसे कठिन भाग और इस पार्ट को कहते हैं “द प्रेस्टीज”। दोस्तों ऊपर जो ये आप संवाद पढ़ रहे हैं वह सन २००६ में Christian Bale और Hugh Jac

एक करोड़ का जूता (Ek Karod Ka Joota) - Best Thrillers - Sir Surender Mohan Pathak

एक करोड़ का जूता (थ्रिलर) *Spoiler Alert* अभी कुछ दिनों पहले एक लाइन पढने को मिली थी – “कोई इंसान जन्म से ब्राह्मण नहीं होता, बल्कि उसके कर्म उसे ब्राह्मण बनाते हैं।” मैं इस लाइन को कुछ अलग तरीके से लेता हूँ कोई इंसान जन्म से उम्दा या महान इंसान नहीं होता, उसके कर्म उसे उम्दा और महान इंसान बनाते हैं। मैं वर्तमान में देख सकता हूँ, मैं क्या आप भी देख सकते हैं कि, किसी अच्छे इंसान का बेटा कई कुकर्मों में लिप्त पाया जाता है। एक अध्यापक जिसने अपनी पूरी जिन्दगी देश के भविष्य को संवारने को लगा दिया लेकिन जब उसका अपना बेटा ही ऐसे कर्मों में लिप्त हो जाए जिससे उसे बदनामी देखने को मिले तो क्या कहना। मेरा कहना है की किसी अच्छे इंसान के घर जन्म लेने भर से ही कोई अच्छा इंसान नहीं बन जाता है। अब इसकी उलटी दिशा में देखते हैं, किसी बुरे कर्म में लिप्त इंसान की संताने भी कई बार ऐसे कर्म कर जाती हैं की उन्हें अच्छे इंसानों में गिना जाता है। वैसे तो यह बेहद फ़िल्मी है और कल्पना भी, लेकिन इसका वास्तविकता से पूरा सम्बन्ध है। क्यूंकि जब आप अपने यादों को भूतकाल में ले जाते हैं तो आपको ऐसा ही क