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57 साल पुराना आदमी (लघुकथा) - समीक्षा


57 साल पुराना आदमी (लघुकथा)


सन १९५९ में एक १९ वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र ने उस समय की मशहूर पत्रिका “मनोहर कहानियां” के लिए इस छोटी सी कहानी को लिखा था। यह कहानी उस नवयुवक की पहली रचना थी। आज उस १९ वर्षीय इंजीनियरिंग के विद्यार्थी को भारत के हिंदी क्राइम फिक्शन की दुनिया में लिखते-लिखते ५५ वर्ष हो गए हैं। इन ५५ वर्षों में उस समय का नवोदित लेखक आज इस ट्रेड का माहिर खिलाड़ी हो गया है। ५५ वर्षों में इस लेखक ने ३०० के करीब किताबें लिख दी हैं।

सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी की पहली रचना के बारे में अपने कुछ उदगार लेकर इस बार आपके सम्मुख प्रस्तुत हुआ हूँ। पाठक साहब का जीवन “५७ साल पुराना आदमी” से लेकर “सिंगला मर्डर केस” तक का बहुत ही संघर्ष पूर्ण रहा है। आज हम देखना चाहेंगे की एक महान लेखक की पहली रचना किस प्रकार की है।

कहानी एक साधारण से नवयुवक की है जिसके नाम एक धनवान व्यक्ति अपनी कंपनी के लाखों रूपये के शेयर छोड़ जाता है। नवयुवक यह समझ नहीं पाता है की क्यूँ और किसलिए उस धनवान व्यक्ति ने उसके नाम इतने शेयर छोड़ दिए। धनवान व्यक्ति के वकील के अनुसार, इतनी राशि तो धनवान व्यक्ति ने अपने रिश्तेदारों के नाम भी नहीं छोड़े थे। वकील, नवयुवक से इसके बारे में पूछता है जिस पर नवयुवक का सिर्फ इतना ही जवाब होता है की १ साल पहले उसने उस धनवान व्यक्ति की मदद की थी। इस एक घंटे की मुलाक़ात के बाद वह कभी इस व्यक्ति से नहीं मिला।

सोचने वाली बात है की इस एक घंटे की मुलाक़ात ने आखिर उस धनवान व्यक्ति पर ऐसा क्या असर कर दिया था की उसने लाखों रूपये उस अनजान नवयुवक के नाम छोड़ दिया था।

पाठक साहब द्वारा लिखी इस ८-९ पन्नों की इस कहानी में सस्पेंस और रहस्य की चासनी है जो इस कहानी को बेहतर से बेहतरीन बनाती है। हालाँकि, अगर आप इस कहानी को ध्यान नहीं पढ़ते हैं तो आपको अधिक से अधिक रहस्य का सामना करना पड़ सकता है। आपके सामने कहानी का अंत हो जाएगा और आप सोच रहे होंगे की ये कैसे हो गया है। एक नवोदित लेखक के रूप में यह कहानी बहुत ही शानदार है जो एक अलग ही कांसेप्ट पर लिखी गयी है। आपको इसमें यह नज़र आ सकता है की कैसे नवोदित लेखक अपने ज्ञान का इस्तेमाल अपने कहानियों में करते हैं।

यह कहानी मुख्य रूप से हार्ड-कॉपी में बिलकुल ही लुप्त हो चुकी है। जबकि सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी ने अपनी इस पहली रचना को इबुक के रूप में पुनः प्रकाशित किया है। वे पाठक जो इस रचना को पढना चाहते हैं वे निम्न लिंक पर जाकर इबुक के रूप में पढ़ सकते हैं।

कहानी का इबुक लिंक - http://ebooks.newshunt.com/Ebooks/default/57-Sal-Purana-Aadami/b-42685

वहीँ सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के १७ कहानियों का पहला संग्रह इबुक के रूप में प्रकाशित हो चूका है। आप उसका भी आनंद उठा सकते हैं। इस संग्रह में “५७ साल पुराना आदमी” कहानी भी है।

संपूर्ण कथा साहित्य लिंक - http://ebooks.newshunt.com/Ebooks/default/Sampurn-Katha-Sahitya---Vol-1/b-42653



Note :- Cover Art - by Mr. Rajeev Roshan - is meant only for the purpose of entertainment.

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