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Showing posts from May, 2015

हिंदी पत्रकारिता दिवस - Now we need "Blast" & "Sunil"

हिंदी पत्रकारिता दिवस:- कमाल है, कुछ लोगों को फेसबुक या सोशल मीडिया मात्र मनोरंजन या वक़्त बिताने का अड्डा लगता है लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता। यह आप पर निर्भर करता की अमुक वस्तु को आप किस नज़र से देख रहे हैं। ऐसे आज सुबह जब फेसबुक खोला तो अपने कई मित्रों के वाल पर मुझे “हिंदी पत्रकारिता दिवस” से सम्बंधित पोस्ट/लेख नज़र आये। मुझे पहले ऐसे किसी दिवस की कोई जानकारी नहीं थी लेकिन.... खैर कोई नहीं.. कभी न कभी तो यह जानकारी मेरे पास पहुंचनी ही थी। क्यूंकि यह संसार ही जानकारी के आदान-प्रदान से चलता है। आइये बात करता हूँ “हिंदी प्रत्रकारिता दिवस” की। ३० मई १८२६, को कलकत्ता से हिंदी में पहला अखबार छपा था जिसका नाम था “उदन्त मार्तंड”। “उदन्त मार्तंड” को और परिभाषित करें तो वह होगा “उगता हुआ सूरज”। पंडित जुगल किशोर शुक्ला जी ने इसका प्रकाशन किया था। धीरे-धीरे भारत के कई शहरों में हिंदी समाचारों पत्रों ने अपनी पहुँच बनानी शुरू कर दी और अगर वर्तमान में देखें तो भारत के अधिकतम हिस्सों में हिंदी समाचार पत्रों की पहुँच बन चुकी है। भारत में लगभग ११०० दैनिक अख़बार रोजाना छपते हैं जिनकी तकरीबन ८ करोड़

पांचवां निशान

पांचवां निशान (सुधीर कोहली - द लकी बास्टर्ड) दुनिया में कुछ इंसान ऐसे भी होते हैं जो जबरदस्ती पंगे में फंसना पसंद करते हैं। ऐसे ही ख़ास किस्म का किरदार है सुधीर कोहली, एकदम २४ कैरेट, खालिस दिल्ली वाली किस्म का, एक नंबर का हरामी लेकिन अपने पेशे में ईमानदार। जब तक पंगा सुधीर कोहली से आकर पंगा नहीं लेता तब वह पंगे से कभी पंगा नहीं लेता। लेकिन कभी-कभी, अपने इस उसूल को वह अपने कुछ ख़ास क्लाइंट्स के लिए बदल भी लेता है। सुधीर कोहली, पेशे से प्राइवेट डिटेक्टिव है। दिल्ली जैसे शहर में प्राइवेट डिटेक्टिव संख्या उस समय बिलकुल वैसी ही थी जैसे कि दिल्ली में रेलवे जंक्शन की हुआ करती थी, मतलब इक्का-दुक्का ही प्राइवेट डिटेक्टिव होते थे उस वक़्त दिल्ली में। सुधीर का एक ख़ास क्लाइंट डॉ. कोठारी था। डॉ. कोठारी अपने किस्मत में ऐसे सितारे लिखवाकर आया था की वह बार-बार खुद ही किसी पंगे को जन्म दे देता था। ऐसे ही एक रात उसे एक भयानक पंगे को जन्म दिया जिसने कोठारी आइन्दा आने वाली जिन्दगी तो बदली ही बदली, साथ ही सुधीर को भी लपेटे में ले लिया। एक रात जब सुधीर कोहली और डॉ. कोठारी ‘अब्बा’ में श