Skip to main content

Top 10 - How done it - Written by - Sir Surender Mohan Pathak

Top 10 - How done it? 

Written by - Sir Surender Mohan Pathak



क्राइम-फिक्शन में मर्डर मिस्ट्री को उसके अन्दर मौजूद रहस्य के आधार पर दो भागों में बांटा जाता है – ‘हु डन इट’ और ‘हाउ डन इट’। ‘हु डन इट’ एक ऐसी कहानी होती है जिसमे इस बात पर ध्यान जाता है की कातिल या अपराधी कौन है। जबकि ‘हाउ डन इट’ में इस बात पर जोर दिया जाता है की अपराध हुआ कैसे। वैसे एक नज़र से देखा जाए तो ‘हाउ डन इट’ एक प्रकार का ‘हु डन इट’ भी होता है लेकिन इसमें सबसे ज्यादा फोकस “कैसे हुआ” पर होता है इसलिए इसे अलग टर्म के रूप में जाना जाता है।

सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के लिए कहा जाता है कि वो मर्डर-मिस्ट्री को बहुत ही शानदार तरीके से प्रस्तुत करते हैं। उनके द्वारा लिखे मर्डर-मिस्ट्री नोवेल्स में हर वह एलिमेंट मौजूद होता है जो पाठक को नावेल से बाँध कर रखता है। पाठक साहब ने बहुत ही शानदार मर्डर-मिस्ट्री उपन्यासों की रचना की है जिसमे से अधिकतर ‘हु डन इट’ की श्रेणी में आता है। लेकिन उनके द्वारा लिखे ‘हाउ डन इट’ को सबसे अधिक पसंद किया जाता है। एक बात और बता दूँ, कई पाठक सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के उपन्यासों अंदाजे-बयां को पढने और उसे एन्जॉय करने के लिए लिए भी पढ़ते हैं। उनके लिए मर्डर-मिस्ट्री तो एक ऐसा जरिया होता है जिसके सहारे ये अंदाज़े-बयाँ प्रस्तुत होता है।

खैर आज हम बात करेंगे पाठक साहब के उन उपन्यासों के बारे में जो ‘हाउ डन इट’ की श्रेणी में आते हैं और सीधे पाठक के दिल में उतर जाते हैं अपनी शानदार रहस्य कथा के लिए।

1) कोई गवाह नहीं – अपने आप में मास्टर-पीस यह उपन्यास एक ऐसे अपराध की कथा कहता है जो अपने मौजूदा वक़्त में किसी भी बिंदु पर नहीं पहुँच पाया था लेकिन जब उस अपराध का खाका दिल्ली स्थित ‘क्राइम क्लब’ संस्था के सामने खींचने का प्रयास किया गया तो विवेक अगाशे की लीड रोल में इस रहस्य पर से हर पर्दा उठता रहा।



नेपाल के एक उद्योगपति की संदेहास्पद स्थिति में शाहमिनार नामक एक जर्जर मीनार के सबसे ऊपर वाले कमरे में मृत्यु हो जाती है। मृत्यु के लिए जिम्मेदार हथियार एक स्टीलेटो जैसा छोटा तलवार था जो उद्योगपति के छड़ी में छुपा रहता था। जिस समय यह घटना घटती है उससे पांच या दस मिनट पहले यह उद्योगपति अपने बेटे से किसी बात पर झगड़ा कर रहा था लेकिन जैसे ही उसका एक प्रोफेसर दोस्त वहां पहुँचता है तो पिता अपने दोस्त को अपने बेटे को वहां से ले जाने को कहता है। ५-1० मिनट बाद एक बच्चे की चीख आवाज उन्हें फिर से मीनार के सबसे ऊपर वाले कमरे में लेकर आती है जहाँ उन्हें लहुलुहान उद्योगपति की लाश मिलती है जिसके पीठ में तलवार की घाव का निशान मिलता है और तलवार एक ओर लुढकी पड़ी होती है। उस मीनार में घुसने का सिर्फ एक ही रास्ता है वो भी मीनार के निचली मंजिल से सीढ़ियों के द्वारा लेकिन उद्योगपति का बेटा और दोस्त दोनों इस बात की गारंटी लेते है कि इतनी सी देर में कोई और वहां पहुँच नहीं सकता था। जब मीनार पर पहुँचने का कोई रास्ता नहीं था और कोई वहां पहुंचा नहीं था तो कैसे उस उद्योगपति की हत्या हुई। हत्या, क्यूंकि कोई भी व्यक्ति अपने ही हाथों से अपने पीठ में तलवार नहीं भोंक सकता था। तो कही कोई भूत या आत्मा तो यह काम नहीं कर गयी थी।

जब आप इस नावेल को पढेंगे तो आपको उस रहस्य का एहसास जिसे मैंने अभी चंद शब्दों में बयान किया है। एक शानदार लॉक्ड रूम मर्डर मिस्ट्री का नमूना जो आपके दिमाग के सभी सुइयों को हिला कर रख देने में सक्षम होगी। एक बेहतरीन ‘हाउ डन इट’ जिसका कायल आज सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी का हर पाठक है।

2)स्कैंडल पॉइंट – 



एक धनाढय व्यक्ति की एक इमारत में हत्या हो जाती है। उस इमारत में उसके कदम लगभग एक वर्ष बाद पड़े थे। उस इमारत के सभी दरवाजे एवं खिड़कियाँ बंद थे। पुलिस को कातिल का कोई सुराग नहीं मिलता है। यहाँ तक इस बात का सुराग भी नहीं मिलता है की हत्या को किस तरह अंजाम दिया गया। एक बेहतरीन और अपने आप में शानदार ‘हाउ डन इट’ को समेटे हुए यह मर्डर मिस्ट्री आपके दिमाग एक चूले हिला देने में कामयाब होगी।

3)काला कारनामा – 



हिप्नोटिज्म एक शानदार कला है लेकिन इसका इस्तेमाल करना खतरनाक भी हो सकता है। रात का माहौल और कमरे की सभी बड़ी लाइट बंद हैं। इस कमरे में ५ इंसान मिलकर हिप्नोटिज्म का शो देख रहे होते हैं। हिप्नोटिज्म का शो दिखाने वाला एक डॉक्टर जो अपने आप को इस कला में माहिर बताता है। हिप्नोटिज्म के इस एक्ट में घर के मुखिया की पत्नी को घर के मुखिया पर चाक़ू चलाने का हुक्म दिया जाता है। वह चाक़ू चलाती है और घर का मुखिया इस दुनिया को छोड़कर परलोक सिधार जाता है। डॉक्टर और वहां मौजूद हर इंसान के अनुसार चाक़ू नकली था और सभी के सामने टेबल पर रखा हुआ था। उस चाक़ू को बदलना नामुमकिन था। लेकिन चाक़ू तो बदला गया था जिसके कारण घर के मुखिया कि हत्या हो गयी।

एक शानदार और बेहतरीन मर्डर मिस्ट्री का नमूना आपको इस उपन्यास में देखने को मिलेगा। एक बेहतरीन ‘हाउ डन इट’ का इससे जबरदस्त नमूना आपको कहीं नहीं मिलेगा। सो, गो फॉर इट। आपको इस नावेल में ‘हाउ डन इट’ के अलावा भी कई ऐसे एलिमेंट मिलेंगे जो साबित करेंगे की यह एक बेहतरीन किताब है।

4)गोल्डन गर्ल – 



एक भरे पुरे स्टेज शो के दौरान स्टेज की स्टार अट्रैक्शन की तीर मार कर हत्या कर दी जाती है लेकिन पता नहीं चल पाता है की वह तीर कहाँ से चलाया गया। तीर चलाने वाला कोई हथियार कहीं से भी हासिल नहीं होता। एक ऐसा ‘हाउ डन इट’ जो पाठकों के दिमाग के परखच्चे उड़ाने में कामयाब हो चुकी है। पुलिस और सुधीर कोहली को भी इस रहस्य को सुलझाने में दांतों तले ऊँगली चबाना पड़ता है।

5)कानून का चैलेंज – 



एक अन्दर से बंद कमरे में एक धनाढय व्यक्ति की तीर मारकर हत्या हो जाती है। हत्या के वक़्त उस धनाढय व्यक्ति के साथ उसका भावी दामाद मौजूद था। पुलिस को पूरा शक उस भावी दामाद पर है लेकिन सुनील कुमार चक्रवर्ती इसमें कुछ अलग ही षड़यंत्र की बू आती है। ऐसे में पुलिस इंस्पेक्टर प्रभुदयाल सुनील को चैलेंज देता ही कि वह साबित करके दिखाए क्यूँकर वह लड़का कातिल नहीं है। साथ ही यह बताये क़त्ल कैसे हुआ। पाठक साहब के शानदार उपन्यासों में से एक यह उपन्यास सभी पाठकों की पसंदीदा उपन्यास में से एक है। टॉप रेटेड और मस्ट रीड श्रेणी की यह किताब इसलिए ज्यादा प्रसिद्द है क्यूंकि यह ‘हाउ डन इट’ श्रेणी में आता है।

६)फ्रंट पेज – 



एक भरे-पुरे पब्लिक के बीच होते प्रेस कांफ्रेंस में हो जाती है एक हत्या। हत्या गोली लगने से होती है लेकिन सभी के तलाशी के बाद भी किसी के पास पिस्तौल बरामद नहीं होती। पुलिस इस बात से परेशान होती है कि इतने लोगों के बीच कैसे किस तरह से गोली मार कर हत्या कर दी गयी। इस रहस्य के पीछे लग जाता है ब्लास्ट का क्राइम रिपोर्टर सुनील कुमार चक्रवर्ती। एक बेहद ही मजेदार और रोमांचक उपन्यास जिसका ‘हाउ डन इट’ USP है।

७)धोखा – 



एक युवक के साथ एक के बाद एक 3 ऐसे हादसे होते है जिसके कारण पुलिस और पब्लिक उसे पागल करार दे रहे थे। युवक को पहली बार एक सालों से बंद इमारत में एक लड़की की लहुलुहान लाश नज़र आती है जब तक वह पुलिस को बुला कर लाता है तब तक लाश और खून के सभी निशान  उस इमारत से गायब थे। दूसरी बार उस युवक को अपने घर के करीब एक लहुलुहान युवती मदद की पुकार करती नज़र आती है। पुलिस को बुलाने के लिए अपने घर से वापिस आने के बाद उसे वह युवती कहीं नज़र नहीं आता है। तीसरी बार युवक को एक फ्लैट में नग्न युवती के सीने में चाक़ू उतरा हुआ नज़र आता है। युवक फ्लैट बंद करके जब पुलिस का इंतजार करने लगा। जब पुलिस के मौजूदगी में बंद फ्लैट को खोला गया तो युवती की लाश गायब थी और फ्लैट में कहीं भी ऐसा निशान नज़र नहीं आ रहा था जिसे लगे की वहां कोई हत्या हुई है। क्यूँ और कैसे इस युवक के साथ यह हादसा घटित हो रहा था। ‘हाउ डन इट’ का बेहतरीन नमूना इस उपन्यास में देखने को मिलता है। मस्ट रीड एंड टॉप रेटेड उपन्यासों की श्रेणी में शामिल यह उपन्यास सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के सभी पाठकों की पसंदीदा उपन्यास में से एक है।

८)धमकी – 



एक व्यक्ति को दी गयी जान से मार डालने की धमकी और एक अति सुरक्षा पुलिस के इन्तजामात के बावजूद भी उस व्यक्ति की आसानी से हत्या उस दिन कर दी जाती है जिस दिन वह शादी करने जा रहा था। इस पार्टी में ब्लास्ट का रिपोर्टर सुनील भी मौजूद था लेकिन वह भी किसी तरह इस हत्या को रोक नहीं पाया। हालांकि हत्या की धमकी पहले से ही जारी थी और पार्टी में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे लेकिन उसके बावजूद भी किस प्रकार से हत्यारे ने हत्या को अंजाम दिया था यह पुरे उपन्यास का रहस्य का विषय है। मस्त रीड और टॉप रेटेड उपन्यासों की श्रेणी में शामिल यह उपन्यास अपने ‘हाउ डन इट’ के प्रसिद्द है।

९) मीना मर्डर केस – 



एक बेहतरीन लॉक्ड रूम मर्डर मिस्ट्री जो पाठकों के दिलो दिमाग पर जादू की तरह छा जाती है। क्राइम जर्नलिस्ट सुनील को एक ऐसे रहस्य पर से पर्दा उठाना था जिस पर से पुलिस जैसे वृहद् संस्था भी नहीं उठा पायी थी। एक बंद कमरे में एक युवती की हत्या गोली मार कर की गयी। कमरा बाहर से बंद था। अन्दर से सभी खिड़कियाँ बंद थी। उस कमरे से कातिल क़त्ल करके कैसे बाहर निकला यह सभी के लिए रहस्य था। ऐसे ‘हाउ डन इट’ ही पाठक साहब को भारत के सर्वश्रेष्ठ क्राइम फिक्शन लेखक बनाते हैं। सभी पाठकों की पसंदीदा एवं टॉप रेटेड यह नावेल आपको अपने रहस्य और कथावाचन से निराश नहीं करेगी।

१०) बिचौलिया – 



एक क़त्ल हुआ और उस क़त्ल के सभी संभावित लोगों के पास परफेक्ट वाटर टाइट एलीबी थी। ऐसे में ब्लास्ट के चीफ क्राइम रिपोर्टर के लिए इस रहस्य पर से पर्दा उठाना जी का जंजाल बन गया था। कैसे वह इस रहस्य पर से पर्दा उठा पाया यह देखने लायक कहानी आपको इस उपन्यास में मिलेगी।

अब आपके पास दस ऐसे नगीने हैं जो आपको दिमागी खुराक देने के लिए काफी होंगे। उपरोक्त १० उपन्यास सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के बेस्ट ‘हाउ डन इट’ हैं। इन  दसों उपन्यासों का रहस्य अन्तराष्ट्रीय स्तर का है जिनके लिए आपको किसी पश्चिमी भाषा की शरण लेने की आवश्यकता नहीं है। ये हिंदी के क्राइम फिक्शन उपन्यास उन पाठकों की आँखों को खोलने में सहायक हैं जो अंग्रेजी क्राइम फिक्शन को ही सब कुछ मानते हैं।

मैं कह सकता हूँ की अगर आपने इन १० अपराध-रहस्य कथाओं को नहीं पढ़ा है तो आपने वह स्वाद नहीं लिया जो देखकर सुनकर तो महसूस किया जा सकता है लेकिन असली स्वाद खा कर लिया जा सकता है। सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी ये १० मोती आपको यह सोचने पर मजबूर कर देंगे की हाँ भारत में भी ऐसा लेखक मौजूद है जो अन्तराष्ट्रीय स्तर का उपन्यास हमें अपराध-रहस्य-रोमांच की श्रेणी में परोस सकता है।

आभार
राजीव रोशन

Comments

Popular posts from this blog

कोहबर की शर्त (लेखक - केशव प्रसाद मिश्र)

कोहबर की शर्त   लेखक - केशव प्रसाद मिश्र वर्षों पहले जब “हम आपके हैं कौन” देखा था तो मुझे खबर भी नहीं था की उस फिल्म की कहानी केशव प्रसाद मिश्र की उपन्यास “कोहबर की शर्त” से ली गयी है। लोग यही कहते थे की कहानी राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म “नदिया के पार” का रीमेक है। बाद में “नदिया के पार” भी देखने का मौका मिला और मुझे “नदिया के पार” फिल्म “हम आपके हैं कौन” से ज्यादा पसंद आया। जहाँ “नदिया के पार” की पृष्ठभूमि में भारत के गाँव थे वहीँ “हम आपके हैं कौन” की पृष्ठभूमि में भारत के शहर। मुझे कई वर्षों बाद पता चला की “नदिया के पार” फिल्म हिंदी उपन्यास “कोहबर की शर्त” की कहानी पर आधारित है। तभी से मन में ललक और इच्छा थी की इस उपन्यास को पढ़ा जाए। वैसे भी कहा जाता है की उपन्यास की कहानी और फिल्म की कहानी में बहुत असमानताएं होती हैं। वहीँ यह भी कहा जाता है की फिल्म को देखकर आप उसके मूल उपन्यास या कहानी को जज नहीं कर सकते। हाल ही में मुझे “कोहबर की शर्त” उपन्यास को पढने का मौका मिला। मैं अपने विवाह पर जब गाँव जा रहा था तो आदतन कुछ किताबें ही ले गया था क्यूंकि मुझे साफ़-साफ़ बताया गया थ

विषकन्या (समीक्षा)

विषकन्या पुस्तक - विषकन्या लेखक - श्री सुरेन्द्र मोहन पाठक सीरीज - सुनील कुमार चक्रवर्ती (क्राइम रिपोर्टर) ------------------------------------------------------------------------------------------------------------ नेशनल बैंक में पिछले दिनों डाली गयी एक सनसनीखेज डाके के रहस्यों का खुलाशा हो गया। गौरतलब है की एक नए शौपिंग मॉल के उदघाटन के समारोह के दौरान उस मॉल के अन्दर स्थित नेशनल बैंक की नयी शाखा में रूपये डालने आई बैंक की गाडी को हजारों लोगों के सामने लूट लिया गया था। उस दिन शोपिंग मॉल के उदघाटन का दिन था , मॉल प्रबंधन ने इस दिन मॉल में एक कार्निवाल का आयोजन रखा था। कार्निवाल का जिम्मा फ्रेडरिको नामक व्यक्ति को दिया गया था। कार्निवाल बहुत ही सुन्दरता से चल रहा था और बच्चे और उनके माता पिता भी खुश थे। चश्मदीद  गवाहों का कहना था की जब यह कार्निवाल अपने जोरों पर था , उसी समय बैंक की गाड़ी पैसे लेकर आई। गाड़ी में दो गार्ड   रमेश और उमेश सक्सेना दो भाई थे और एक ड्राईवर मोहर सिंह था। उमेश सक्सेना ने बैंक के पिछले हिस्से में जाकर पैसों का थैला उठाया और बैंक की

दुर्गेश नंदिनी - बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय

दुर्गेश नंदिनी  लेखक - बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय उपन्यास के बारे में कुछ तथ्य ------------------------------ --------- बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखा गया उनके जीवन का पहला उपन्यास था। इसका पहला संस्करण १८६५ में बंगाली में आया। दुर्गेशनंदिनी की समकालीन विद्वानों और समाचार पत्रों के द्वारा अत्यधिक सराहना की गई थी. बंकिम दा के जीवन काल के दौरान इस उपन्यास के चौदह सस्करण छपे। इस उपन्यास का अंग्रेजी संस्करण १८८२ में आया। हिंदी संस्करण १८८५ में आया। इस उपन्यस को पहली बार सन १८७३ में नाटक लिए चुना गया।  ------------------------------ ------------------------------ ------------------------------ यह मुझे कैसे प्राप्त हुआ - मैं अपने दोस्त और सहपाठी मुबारक अली जी को दिल से धन्यवाद् कहना चाहता हूँ की उन्होंने यह पुस्तक पढने के लिए दी। मैंने परसों उन्हें बताया की मेरे पास कोई पुस्तक नहीं है पढने के लिए तो उन्होंने यह नाम सुझाया। सच बताऊ दोस्तों नाम सुनते ही मैं अपनी कुर्सी से उछल पड़ा। मैं बहुत खुश हुआ और अगले दिन अर्थात बीते हुए कल को पुस्तक लाने को कहा। और व