फैंटेसी फिल्मों का मैं उतना दीवाना नहीं लेकिन कभी-कभार फिल्मों की श्रेणी में स्वाद बदलने के लिए फैंटेसी मूवीज देखता हूँ। बहुत दिनों से हार्ड ड्राइव में सन 2006 में रिलीज़ हुई स्पेनिश मूवी ‘Pans Lyberinth’ सहेज कर रखी हुई थी। पिछले वर्ष बीबीसी द्वारा रिलीज़ की गयी हॉलीवुड की 100 बेहतरीन फिल्मों में इस फैंटेसी मूवी का भी नाम था। आज छुट्टी के दिन इस मूवी को देखने का मौका मिला।
चूँकि यह एक फैंटेसी मूवी है तो कहानी कितनी जमीनी स्तर की होगी यह बताना गैरजरूरी है। कहानी 1944 में स्पेन में हुए गृहयुद्ध की पृष्ठभूमि में रची गयी है। एक लड़की जो परीकथाएं पढ़कर उनमें रूचि एवं विश्वास रखती है, वह अपनी ग्रभवती माँ के साथ एक ऐसे क्षेत्र में पहुँचती है, जहाँ उसकी मुलाक़ात अपने सौतेले पिता से होती है जो वहां विद्रोहियों को कुचल देने के लिए स्पेन की सेना का एक कैप्टेन है। वह उस लड़की के साथ कुछ ऐसे अजीब वाकये होते हैं जो उसे परियों की दुनिया में विश्वास दिलाया देती है। सामानांतर में विद्रोहियों एवं सेना में हो रहे गोरिल्ला युद्ध से उसके एवं उसकी माँ पर एक अलग ही प्रभाव पड़ता है। किस तरह एक परिकथा सत्य में तब्दील होकर उस लड़की की जिंदगी तब्दील करती है, और दर्शकों का मनोरंजन थ्रिल एवं फैंटेसी से करती है, यह देखने लायक है।
इस मूवी के लेखक एवं निर्देशक ‘Guillermo Del Toro' की मेहनत कहानी के बहाव एवं कसावट में साफ़ नज़र आती है। वहीँ ‘Ivana Baquero' (लड़की), ‘Service Lopez' (कैप्टेन), एवं ‘Maribel Verdu' (नौकरानी) की अदाकारी काबिलेतारीफ है। लेकिन इन काबिलेतारीफ अदाकारियों के बीच जो आपका ध्यान आकर्षण करता है वह है ‘Doug Jones’ की अदाकारी जो लड़की को परियों की दुनिया में जाने का रास्ता बताता है। अगर आप यह फिल्म देखेंगे तो इस किरदार के गेटअप से इसे पहचान नहीं पाएंगे। मेकअप, आर्ट-डायरेक्शन एवं सिनेमेटोग्राफी के लिए इस फिल्म में सन 2007 में 3 ऑस्कर अपने खाते में झटके और यह बात मैंने स्वयं तब महसूस की जब मूवी देख रहा था।
IMDB पर 8.2 रेटिंग के साथ यह मूवी देखने के काबिल है जिसे मैंने बिना ब्रेक के ही देखा।
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